राष्ट्रभाषा
 एक चीज़ है और राजभाषा दूसरी चीज़। यह आवश्यक नहीं कि राजभाषा ही 
राष्ट्रभाषा हो, हो भी सकती है ,पर सदा ऐसा नही होता।कभी - कभी राजभाषा 
राष्ट्रभाषा नहीं बन पाती है। अंग्रेज़ी हमारी राजभाषा थी।आज भी पूर्ण रूप 
से उसका बहिष्कार नहीं हो पाया है,पर वह हमारी राष्ट्रभाषा नहीं थी।(मूल शब्द संख्या-५४)
संक्षेपण - राजभाषा और राष्ट्रभाषा मूलत: अलग - अलग चीज़ें हैं। राजभाषा मात्र राजकीय काम - काज की जबकि राष्ट्रभाषा पूरे राष्ट्र के बोलचाल की भाषा होती है। ( संक्षेपित शब्द - १९)
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॥ इति - शुभम् ॥
 सार लेखन या संक्षेपण के उदाहरण क्रमश: आगे ...
विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
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very very nice...thanku sir
ReplyDeleteNice..
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