Friday, 20 February 2015

HINDI VYAKARAN-SAAR LEKHAN (सार-लेखन) - HINDI GRAMMAR - PRECIS WRITING


मूल अवतरण - ३ 
 राष्ट्रभाषा एक चीज़ है और राजभाषा दूसरी चीज़। यह आवश्यक नहीं कि राजभाषा ही राष्ट्रभाषा हो, हो भी सकती है ,पर सदा ऐसा नही होता।कभी - कभी राजभाषा राष्ट्रभाषा नहीं बन पाती है। अंग्रेज़ी हमारी राजभाषा थी।आज भी पूर्ण रूप से उसका बहिष्कार नहीं हो पाया है,पर वह हमारी राष्ट्रभाषा नहीं थी।(मूल शब्द संख्या-५४)
  
शीर्षक - राजभाषा और राष्ट्रभाषा 
संक्षेपण - राजभाषा और राष्ट्रभाषा मूलत: अलग - अलग चीज़ें हैं। राजभाषा मात्र राजकीय काम - काज की  जबकि राष्ट्रभाषा पूरे राष्ट्र के बोलचाल की भाषा होती है। ( संक्षेपित शब्द - १९) 


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॥ इति - शुभम् ॥

 सार लेखन या संक्षेपण के उदाहरण क्रमश: आगे ...

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
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