Saturday 27 September 2014

CBSE CLASS 10 HINDI GRAMMAR SHANT RAS (शांत रस)

 9. शांत रस



जहाँ सांसारिक इच्छाओं के शमन का आनंद हो अथवा सांसारिकता के प्रति वैराग्य भाव जगता हो, वहाँ शांत रस होता है।

स्थायी -  वैराग्य ।

संचारी - हर्ष,ग्लानि,धृति,क्षमा,विबोध,दैन्य ।

आलंबन - सांसारिक क्षण-भंगुरता , ईश्वरीय ज्ञान, परोपकार, ईश्वर पूजा आदि ।

आश्रय -  जिसके मन में वैराग्य उत्पन्न हो ।

उद्दीपन - संत वचन, प्रवचन, संत - समागम, तीर्थाटन, सत्संग ।

अनुभाव - आँखें मूँदना, अश्रु बहाना, ईश्वर भजना, ध्यानस्थ होना आदि ।
जैसे -




जीवन जहाँ खत्म हो जाता !
उठते-गिरते,
जीवन-पथ पर
चलते-चलते,
पथिक पहुँच कर,
इस जीवन के चौराहे पर,
क्षणभर रुक कर,
सूनी दृष्टि डाल सम्मुख जब पीछे अपने नयन घुमाता !
जीवन वहाँ ख़त्म हो जाता !


विशेष -

* इसमें पथिक का जीवन आलंबन है।

* कवि का हृदय आश्रय है ।

* जीवन-पथ , चौराहा, सूनी दृष्टि आदि उद्दीपन है।

* चलते-चलते रूकना और सूनी नज़रों से पीछे मुड़-मुड़ देखना अनुभाव है।

* जीवन की क्षण भंगुरता का ज्ञान, दृष्टि में सूनापन , मृत्यु-बोध आदि संचारी भाव है।

अन्य रसों की बात...क्रमश: अगले पोस्ट में..
 विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’

5 comments:

  1. I liked the analysis, congratulations...

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  2. I like it this is very useful i got a nice mark in grammar thanks udathi😊😊😊👌👌

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  4. Can you provide 2 lines example?

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