Friday 26 September 2014

CBSE CLASS 10 HINDI GRAMMAR ADBHUT RAS (अद्भुत रस)

 अद्भुत रस

जहाँ सुनी अथवा अनसुनी वस्तु/ व्यक्ति / स्थान के विचित्र एवं आश्चर्यजनक रूप को देखकर विस्मय हो, वहाँ अद्भुत रस होता है।

स्थायी -  विस्मय ।

संचारी -  औत्सुक्य, आवेग, हर्ष, गर्व, मोह, वितर्क ।

आलंबन - विचित्र वस्तु, असामान्य घटना, विलक्षण दृश्य।
आश्रय -  विस्मित या आश्चर्यचकित व्यक्ति ।

उद्दीपन - वस्तु की विचित्रता, घटना की नवीनता, दृश्य की विलक्षणता ।

अनुभाव - मुँह फाड़ना, आँखें बड़ी करना, भौंह तानना, स्तंभित होना, जड़वत होना, गद्गद होना, चुप हो जाना, मुँह ताकना, रोमांचित होना आदि ।

जैसे-

 
सेना – नायक  राणा के भी
रण देख – देखकर चाह भरे ।
मेवाड़ – सिपाही  लड़ते  थे
दूने – तिगुने  उत्साह  भरे ।।

 



क्षण मार दिया कर कोड़े से 
रण किया उतर कर घोड़े से ।
राणा रण–कौशल दिखा दिया
चढ़ गया उतर कर घोड़े से ।।

 


क्षण उछल गया अरि घोड़े पर¸
क्षण लड़ा  सो गया घोड़े पर ।
वैरी – दल से  लड़ते – लड़ते
क्षण खड़ा हो गया घोड़े पर ।।







विशेष -

* इसमें राणा प्रताप आलंबन है।

* सैनिकों का हृदय आश्रय है ।

* युद्ध करते - करते घोड़े से उतरना-चढ़ना , दुश्मन के घोड़े पर उछल कर चढ़ जाना, लड़ते-लड़ते घोड़े पर खड़ा हो जाना आदि उद्दीपन है।

* सैनिकों और सेना नायकों का आश्चर्य और चाह भरी नज़रों से देखना अनुभाव है।

* राणा के सैनिकों में गर्व , दुगुना उत्साह , उनका रण-कौशल, मातृभूमि के प्रति अनुराग आदि संचारी भाव है।

 


 अन्य रसों की बात...क्रमश: अगले पोस्ट में..
 विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’


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