Tuesday 23 September 2014

CBSE CLASS 10 HINDI GRAMMAR ROUDRA RAS (रौद्र-रस)

 5. रौद्र

जहाँ क्रोध, वैर ,अपमान अथवा प्रतिशोध का भाव भिन्न-भिन्न संचारी भावों,विभावों और अनुभावों के कारण क्रमश: बढ़ते  हुए  सीमा पार कर जाए वहाँ रौद्र-रस अभिव्यक्ति होता है।                           

स्थायी - क्रोध

 
संचारी - गर्व, घमंड, अमर्ष, आवेग, उग्रता आदि।

 
आलंबन - शत्रु, विरोधी, अपराधी, क्रोध का कारण।

 
आश्रय - क्रोधित व्यक्ति

 
उद्दीपन - शत्रुतापूर्ण कार्य, विरोध, अपमान, कटुवचन, आज्ञा का उल्लंघन, नियम-भंग आदि।

 
अनुभाव - आँखें लाल होना, काँपना, ललकारना , हुँकारना , शस्त्र उठाना, कठोर वाणी, गुर्राना, हाँफना, चीखना आदि।               

  
जैसे -





कौरव क्रूरता
अभिमन्यु का वध
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा,

मानों  हवा  के वेग से सोता  हुआ  सागर जगा । 

मुख-बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाल सा बोधित हुआ,

प्रलयार्थ उनके मिस वहाँ , क्या काल ही क्रोधित  हुआ?

अर्जुन रोष

युग-नेत्र  उनके जो अभी थे पूर्ण जल कीधार-से, 

अब  रोष  के  मारे  हुए , वे  दहकते  अंगार - से ।

निश्चय अरुणिमा-मिस अनल की जल उठी वह ज्वाल ही,

 तब  तो  दृगों  का  जल  गया  शोकाश्रु  जल  तत्काल  ही ।



प्रतिज्ञा पूर्ति
साक्षी रहे संसार  , करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं ,

पूरा करूँगा कार्य सब , कथानुसार यथार्थ मैं ।

जो एक बालक को कपट से मार हँसते हैँ अभी,
 

वे शत्रु सत्वर शोक-सागर-मग्न दीखेंगे सभी





विशेष -
 
* इसमें अभिमन्यु के हत्यारे कौरव आलंबन है। 

 
* अर्जुन (पार्थ)  आश्रय है। 

 
* कौरवों का कपट , युद्ध के नियम तोड़ना , अभिमन्यु का वध , अधर्म आदि उद्दीपन है,


* आँखें लाल होना, काँपना,  हुँकारना, कठोर वाणी, अनुभाव है।
शोकाश्रु , प्रतिज्ञा , उग्रता आदि संचारी भाव है।




अन्य उदाहरण - 


हरि  ने  भीषण  हुँकार किया, 

अपना स्वरूप विस्तार किया, 

डगमग डगमग दिग्गज डोले, 

भगवान  कुपित हो कर  बोले 

जंजीर  बढ़ा  अब  साध मुझे, 

हां  हां  दुर्योधन !  बाँध   मुझे, 

याचना  नहीं  अब  रण  होगा, 

जीवन जय या की मरण होगा 





टकरायेंगे     नक्षत्र   निखर, 

बरसेगी भू पर वह्नी प्रखर, 

फन   शेषनाग  का  डोलेगा, 

विकराल काल मुंह खोलेगा


अन्य रसों की बात...क्रमश: अगले पोस्ट में..

 विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’

10 comments:

  1. शत-शत नमन है आपको, प्रशंसनीय किया काज |
    हर्षित हों माँ शारदे, आप पर महाराज ||

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  3. Shri krishna ke sunkar vachan Arjun krodh main jalne lage Sab shok Apna bhool kar Kartal Yugal Malne lage Sansar dekhe aab hamare Shatru ran mai mrut pade Karte hue yah ghoshana ve ho gaye uthkar khade

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  4. Please give more examples. ..

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  5. Please give more examples. ..

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  6. Niceeeeeeeee......

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  7. Pls some easy examples

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