Friday 19 September 2014

CBSE CLASS 10 HINDI GRAMMAR KARUN RAS (करूण रस)

3. रू
आलंबन के दुख हानि अथवा मृत्यु के शोक से उत्पन्न दया अथवा सहानुभूति के कारण आश्रय में इस की उत्पत्ति होती है।
 
स्थायी - शोक

 
संचारी - ग्लानि, मोह, स्मृति, चिंता, दैन्य, विषाद, उन्माद

 
आलंबन - अपनों का मरण, दुरावस्था, गरीब, अपाहिज, दुर्घटना, आदि।

 
आश्रय - शोक - ग्रस्त व्यक्ति

 
उद्दीपन - आघात करने वाला, हानिकर्ता, अपनों की याद, दुर्घटना आदि।

 
अनुभाव - रोना-धोना, गिड़गिड़ाना, आह, चित्कार, प्रलाप, छाती पीटना


जैसे -
वह आता--   
दो टूक कलेजे के करता पछताता
पथ पर आता। 

                            
 
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी भर दाने को-- भूख मिटाने को
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता--
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
 
साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाये,
बायें से वे मलते हुए पेट को चलते , 
और दाहिना दया दृष्टि-पाने की ओर बढ़ाये। 
भूख से सूख ओठ जब जाते 
दाता-भाग्य विधाता से क्या पाते ?
घूँट आँसुओं के पीकर रह जाते।

चाट रहे जूठी पत्तल वे सभी सड़क पर खड़े हुए,
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए

विशेष- 
 
* इसमें भीखमंगा आलंबन है।

 
* कवि का हृदय आश्रय है। 

 
* भीखमंगे और उसके बच्चों की दुरावस्था उद्दीपन है

 
* फटी झोली फैलाना, लकुटिया टेककर चलना, पेट मलना , कुत्ते द्वारा हाथ से पत्तल छीन लेना अनुभाव है। 

 
* गरीबी, बदहाली, दीनता आदि संचारी भाव है।



 अन्य रसों की बात...क्रमश: अगले पोस्ट में..
 विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’

4 comments:

  1. Prabhu pralap suni kaan vikal bhay vanar nikar......identify the रस

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    1. Prabhu pralap suni kaan vikal bhay vanar nikar......
      प्रभु प्रलाप सुनी कान विकल भए वानर निकर....

      अनिता जी !
      पूरी पंक्तियों का होना अच्छा माना जाता है..
      यद्यपि पंक्ति अपूर्ण है तथापि इतना तय है कि यहाँ करूण रस ही होगा। धन्यवाद।

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  2. एसे बिहाल िबवाइन सौ पद कटक जाल लगे पनि जोये...
    Sir i want to know about stahi bhav आलबंन आशय उददपन anubhav संचारी bhav

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