प्रश्न 1 - बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन - कौन से तर्क देकर मैना ने महल की रक्षा करने हेतु प्रार्थना की?
उत्तर - बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा करने के लिए विभिन्न तर्क दिया। मसलन; महल उसे बहुत प्रिय है , इस निर्जीव महल ने अंग्रेजों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया, आपकी मृत बेटी मैरी भी इस महल में खेल चुकी है, उसे भी यह महल प्यारा था.... इत्यादि जैसे तर्क देकर मैना ने महल की रक्षा की प्रार्थना की।
प्रश्न 2 - मैना जड़ - पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी, जबकि अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे।क्यों?
उत्तर - मैना का जन्म विठूर के राजमहल में ही हुआ था। उसने जब से होश संभाला स्वयं को उसी महल में पाया। फलत: महल के एक-एक जर्रे से उसका लगाव हो गया था। उसी महल में वह पली-बढ़ी और अपना बचपन गुज़ारा । उस महल के साथ उसकी ढेर सारी यादें जुड़ी हुई थी इसलिए वह उसे बचाना चाहती थी। जबकि ठीक उसके विपरीत नाना साहब को पकड़ पाने में असमर्थ रहे अंग्रेज वैसी सभी चीज़ों को समाप्त कर देना चाहते थे , जो नाना साहब की याद दिलाकर उनकी असफलता का मज़ाक उड़ा रहे थे।
प्रश्न 3 - `सर टॉमस हे' के मैना पर दया भाव के क्या कारण थे?
उत्तर - सर टॉमस हे सेनापति होने के साथ मनुष्य भी थे। अत: उनमें मनुष्यता का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। वे स्वभाव से कोमल और दयालु थे। यही कारण था कि वे मैना की भावनात्मक बातों को ध्यान से सुनने लगे। दया भाव का दूसरा पक्ष यह था कि मैना उनकी मृत बेटी मैरी की सहेली थी। अत: मैना के प्रति उनके मन में सहज ही सहानुभूति उत्पन्न हो गई थी।इन्हीं मिले - जुले कारणों से प्रभावित उनका मन दया - भाव से भर उठा था।
प्रश्न 4 - मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैथकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी ?
उत्तर - जनरल अउटरम अपनी सख़्ती के लिए प्रसिद्ध थे। सर ‘हे’ के कहने पर एक बार वे सोचने पर मजबूर हो गए, परन्तु; उनका निर्णय नहीं बदला। इसके पीछे उनका जातीय - प्रेम रहा होगा , जिसे नाना साहब से ख़तरा था। साथ ही वे अपने उच्चाधिकारियों के गुस्से का शिकार नहीं होना चाह रहे होंगे। शायद ; उन्हें डर था कि यदि उन्होंने मैना के साथ नरमी दिखाई तो उन्हें इसका ख़ामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। जो शायद नौकरी से हाथ धोने से लेकर कठोर दंड के रूप में सामने आ सकता था।संभवत: यही कारण रहे होंगे तभी तो उन्होंने मैना की इतनी छोटी - सी इच्छा भी पूरी न होने दी।
प्रश्न 5 - बालिका मैना की कौन - कौन - सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर - बालिका मैना असाधारण बालिका थी , जिसमें ढेरों विशेषताएँ थीं। मैं उसकी निडरता , साहस , तर्कशक्ति - संपन्नता , विनम्रता , सहनशीलता और बलिदान जैसी विशेषताओं को अपनाना चाहूँगा। चूँकि इन्हीं गुणों ने मैना को असाधारणता प्रदान किया था , झुण्ड से अलग ला खड़ा किया था। अत: मैं भी उन्हीं गुणों को अपनाकर असाधारण बनना चाहूँगा।
प्रश्न 6 - ‘टाइम्स’ पत्र ने 6 सितम्बर को लिखा था -- ‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दान्त नाना साहब को नहीं पकड़ सकी।’ इस वाक्य में ‘भारत सरकार’ से क्या आशय है?
उत्तर - तत्कालिन समय में भारत ग़ुलाम था। भारत के शासन की बागडोर अंग्रेज़ों के हाथ में थी। अत: आलोच्य पंक्ति में प्रयुक्त ‘भारत सरकार’ से तात्पर्य उस शासन से है , जो ब्रिटिश - शासन के अन्तर्गत भारत में कुछ अंग्रेज़ अधिकारियों द्वारा चालित था।
प्रश्न 7 - स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?
उत्तर - इस प्रकार के लेख भावनाओं को भड़काते हैं , साथ ही सोचने पर मजबूर करते हैं। अंग्रेज़ों की क्रूरता , निर्दयता और अत्याचार की ऐसी कहानियाँ आम लोगों को भी अंग्रेज़ों के विरूद्ध ला खड़ा करती होंगी। अबलाओं , बालिकाओं व निरीह लोगों या मैना सरीखी वीर बालाओं की हत्या की घटना को पढ़कर अंग्रेज़ों के समर्थकों का मन भी हाहाकार कर उठता होगा। परिणाम स्वरूप वे भी स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो जाते होंगे।इस प्रकार कहा जा सकता है कि इस प्रकार के लेखन की महत्वपूर्ण भूमिका रही होगी।
प्रश्न 8 - कल्पना कीजिए की मैना के बलिदान की ख़बर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो - समाचार तैयार करें।
उत्तर - ये आकाशवाणी है... अब आप मुझसे (अपना नाम) समाचार सुनिए--
नमस्कार !... सबसे पहले मुख्य समाचार....।
गोरी सरकार की काली करतूत ,
अउटरम बनें यमदूत --
रोने भी नहीं दिया मैना को...।
अब , समाचार विस्तार से --
कल कानपुर में अंग्रेज़ अधिकारियों की सरगर्मी दिनभर जारी रही। आज सुबह 11:15 मिनट पर समूचा देश तब स्तब्ध रह गया जब नाना साहब की पुत्री मैना को दहकती आग में झोंककर भस्म कर देने की ख़बर कानपुर कीले के अधिकारियों ने दी।
जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि कल जनरल अउटरम ने मैना को आधी रात में ही हिरासत में तब ले लिया था , जब वे अपने ध्वस्त महल के मलवे पर बैठी हुई रो रही थी। गिरफ़्तारी के वक़्त मैना ने अनुरोध किया था कि उन्हें चैन से रो लेने दिया जाए। किन्तु; अउटरम ने उनकी एक न सुनी। सूत्रों के अनुसार उच्चाधिकारियों के आदेश पर आज करीब 9:00 बजे देवी मैना को दहकती आग के हवाले कर दिया गया। दुनिया के देशों ने इस घटना की निन्दा की है। सारे देश में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ नारे लगाए जा रहे हैं। अउटरम आदि के पुतले फूँके जा रहे हैं। मैना का बलिदान इतिहास में अमर रहेगा। इसी के साथ समाचार समाप्त हुए।
मुझे इज़ाजत दीजिए... नमस्कार।
शेष प्रश्नों के उत्तर स्वयं देने की कोशिश करें... :-)
॥ इति-शुभम् ॥
विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
thanks a bunch.........
ReplyDeleteits not at all useful my teacher would tear my copy if id write such answers
ReplyDeleteYes correctly said
DeleteYou are correct Saman
ReplyDeleteYes they are correct but not correctly formed,rather than this we can take help of guide books.I would prefer *full marks*..!!
ReplyDeleteThese answers are not at all proper and if I write this in my notebook my teacher is going to bombarded with her pink pen
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